हैदराबाद ।के बाद उत्तर प्रदेश के उन्नाव में तार-तार करने वाली घटना सीएम योगी ने उन्नाव मामले पर मांगी रिपोर्ट
मुजफ्फरनगर- हैदराबाद के बाद उत्तर प्रदेश के उन्नाव में इंसानियत को तार-तार करने वाली यह घटना सामने आई है गैंगरेप पीड़िता को खेत में जिंदा जलाने की कोशिश की गई है पीड़िता के शरीर का 90% हिस्सा जल चुका है अब पीड़िता को लखनऊ से दिल्ली के बड़े अस्पताल में रेफर किया जा रहा है पीड़िता जलने के बाद 1 किलोमीटर तक मदद के लिए भागी थी उसने खुद ही पुलिस को कॉल भी किया था पीड़िता के बयान को अस्पताल में मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कर लिया गया है साथ ही मामले में 5 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है आपको बता दें कि पीड़िता के साथ मार्च महीने में गैंगरेप किया गया था 5 आरोपियों में से तीन आरोपी जेल में सजा काट रहे थे लेकिन जेल से छूटने के बाद आरोपियों ने पीड़िता को जिंदा जलाने की कोशिश की पीड़िता ने प्रधान के लड़के और उसके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था वहीं उन्नाव में गैंगरेप पीड़िता की जिंदा जलाने की घटना सामने आने के बाद योगी सरकार भी अलर्ट हो गई है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर रिपोर्ट मांगी है इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने योगी सरकार को जमकर घेरा है साथ ही उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है उन्होंने कहा कि योगीराज में लड़कियां सुरक्षित नहीं है इसके अलावा उन्नाव की घटना को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी योगी सरकार पर हमला बोला और कहा कि हर रोज ऐसी घटनाओं को देखकर गुस्सा आता है सरकार झूठ फैला रही है आपको बता दें कि 2012 के निर्भया मामले में ट्रायल कोर्ट ने सितंबर 2013 में ही फांसी की सजा सुना दी थी और हाईकोर्ट ने भी मार्च 2014 यानी सिर्फ 6 महीने के अंदर ही अपील पर फैसला दे दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपील पर फैसला मई 2017 में दिया यानी 3 साल से भी ज्यादा वक्त लगा दिया जब ट्रायल और हाई कोर्ट अपील जल्दी खत्म हो गए थे तो फिर सुप्रीम कोर्ट में 3 साल तक ऐसी क्या पीएचडी चलती रही फिर रिव्यू पिटिशन का फैसला भी जुलाई 2018 में आया और अब मामला राष्ट्रपति के समक्ष पेंडिंग है अगर सुप्रीम कोर्ट भी 6 महीने में फैसला सुना देता तो शायद निर्भया के दरिंदे फांसी पर चढ़ चुके होते हैं जिससे समाज में कानून के लिए खौफ पैदा होता और शायद हैदराबाद की डॉक्टर लड़की की दर्दनाक मौत नहीं हुई होती निर्भया मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और इसकी गूंज संसद से लेकर सड़कों तक सुनाई दी थी जब ऐसे हाई प्रोफाइल मामले में अदालती कार्यवाही में इतनी उदासीनता बरती जाती है तो फिर दरिंदों को तो हौसला मिलेगा ही जब तक लंबे-लंबे ट्रायल हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट में अपीले तारीख पर तारीख क्यूरेटिव पिटिशन रिव्यू पिटिशन राष्ट्रपति से माफी की दरख्वास्त वगैरा-वगैरा के कभी न खत्म होने वाले दौर चलेंगे तब तक दरिंदे ऐसे ही मौज उठाते रहेंगे और औरतें बच्चों की बलात्कार क्षत-विक्षत लाशें मिलती रहेगी क्योंकि दरिंदों को मालूम है कि उन्हें फांसी पर नहीं लटकाया जाएगा सरकार को इन मामलों पर कड़े कानून बनाने होंगे तभी इन दरिंदों के हौसले पस्त होंगे
डॉक्टर मतलूब अंसारी
राशि बुलेटिन
सब एडिटर
*हैदराबाद के बाद उत्तर प्रदेश के उन्नाव में तार-तार करने वाली घटना सीएम योगी ने उन्नाव मामले पर मांगी रिपोर्ट* मुजफ्फरनगर- हैदराबाद के बाद उत्तर प्रदेश के उन्नाव में इंसानियत को तार-तार करने वाली यह घटना सामने आई है गैंगरेप पीड़िता को खेत में जिंदा जलाने की कोशिश की गई है पीड़िता के शरीर का 90% हिस्सा जल चुका है अब पीड़िता को लखनऊ से दिल्ली के बड़े अस्पताल में रेफर किया जा रहा है पीड़िता जलने के बाद 1 किलोमीटर तक मदद के लिए भागी थी उसने खुद ही पुलिस को कॉल भी किया था पीड़िता के बयान को अस्पताल में मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कर लिया गया है साथ ही मामले में 5 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है आपको बता दें कि पीड़िता के साथ मार्च महीने में गैंगरेप किया गया था 5 आरोपियों में से तीन आरोपी जेल में सजा काट रहे थे लेकिन जेल से छूटने के बाद आरोपियों ने पीड़िता को जिंदा जलाने की कोशिश की पीड़िता ने प्रधान के लड़के और उसके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था वहीं उन्नाव में गैंगरेप पीड़िता की जिंदा जलाने की घटना सामने आने के बाद योगी सरकार भी अलर्ट हो गई है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर रिपोर्ट मांगी है इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने योगी सरकार को जमकर घेरा है साथ ही उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है उन्होंने कहा कि योगीराज में लड़कियां सुरक्षित नहीं है इसके अलावा उन्नाव की घटना को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी योगी सरकार पर हमला बोला और कहा कि हर रोज ऐसी घटनाओं को देखकर गुस्सा आता है सरकार झूठ फैला रही है आपको बता दें कि 2012 के निर्भया मामले में ट्रायल कोर्ट ने सितंबर 2013 में ही फांसी की सजा सुना दी थी और हाईकोर्ट ने भी मार्च 2014 यानी सिर्फ 6 महीने के अंदर ही अपील पर फैसला दे दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपील पर फैसला मई 2017 में दिया यानी 3 साल से भी ज्यादा वक्त लगा दिया जब ट्रायल और हाई कोर्ट अपील जल्दी खत्म हो गए थे तो फिर सुप्रीम कोर्ट में 3 साल तक ऐसी क्या पीएचडी चलती रही फिर रिव्यू पिटिशन का फैसला भी जुलाई 2018 में आया और अब मामला राष्ट्रपति के समक्ष पेंडिंग है अगर सुप्रीम कोर्ट भी 6 महीने में फैसला सुना देता तो शायद निर्भया के दरिंदे फांसी पर चढ़ चुके होते हैं जिससे समाज में कानून के लिए खौफ पैदा होता और शायद हैदराबाद की डॉक्टर लड़की की दर्दनाक मौत नहीं हुई होती निर्भया मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और इसकी गूंज संसद से लेकर सड़कों तक सुनाई दी थी जब ऐसे हाई प्रोफाइल मामले में अदालती कार्यवाही में इतनी उदासीनता बरती जाती है तो फिर दरिंदों को तो हौसला मिलेगा ही जब तक लंबे-लंबे ट्रायल हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट में अपीले तारीख पर तारीख क्यूरेटिव पिटिशन रिव्यू पिटिशन राष्ट्रपति से माफी की दरख्वास्त वगैरा-वगैरा के कभी न खत्म होने वाले दौर चलेंगे तब तक दरिंदे ऐसे ही मौज उठाते रहेंगे और औरतें बच्चों की बलात्कार क्षत-विक्षत लाशें मिलती रहेगी क्योंकि दरिंदों को मालूम है कि उन्हें फांसी पर नहीं लटकाया जाएगा सरकार को इन मामलों पर कड़े कानून बनाने होंगे तभी इन दरिंदों के हौसले पस्त होंगे